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टेस्ट क्रिकेट में सहवाग का कमाल


टेस्ट क्रिकेट में सहवाग का कमाल


भारत के सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाज में से एक, जो टेस्ट हो या वनडे रहते टी-20 मोड में ही है, जो टेस्ट में 300 के स्कोर को 100 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट में बनाते, जो विपक्ष में कौन सी टीम है, कैसी बोलिंग अटैक है, कौन से गेंदबाज है कोई परवाह नहीं करते ,जो विपक्षी टीम को ही नहीं अपने टीम के खिलाड़ीयों को भी अपने एग्रेसिव खेल के कारण डरा देते ( कि कहीं आउट न हो जाए) जो शतक हो या तिहरा शतक छक्का लगाकर पुरा करने का दम रखता, जो सुनता सबकी पर करता अपने मन की, भाईयों और बहनों पेश करता हूँ आपको मुलतान के सुलतान, नजफगढ़ के नवाब - वीरेंद्र सहवाग।



यह कारनामा उन्होंने चैन्नई में दोहराया था, क्योंकि वह इससे पहले मुलतान में पाकिस्तान के खिलाफ 309 का स्कोर बना चुके थे इस पारी में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चैन्नई में बनाऐ 319 रन।


कुछ तथ्य :-—


मार्च 29 फेक्टर :- गौरमतलब है कि जहाँ पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 309 का स्कोर 29 मार्च, 2004 को बनाया वही उन्होंने इस रिकॉर्ड को तोड़ा 319 रन बनाकर चार साल बाद 29 मार्च 2008 को।



पारीयों का खेल - दोनों ही पारीयां भारत की पहली पारी में आई, लेकिन जहाँ मुलतान में भारत ने पहले बल्लेबाजी की थी, चैन्नई में दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी की और उसके पश्चात भारत ने।


दिनों का खेल - सहवाग ने मुलतान में दुसरे दिन और चैन्नई में तीसरे दिन।


स्ट्राइक रेट का खेल - सहवाग ने मुलतान में 309 रन बनाए 82.40 की स्ट्राइक रेट पर और चैन्नई में उन्होंने यह कारनामा 104.93 की स्ट्राइक रेट में किया।


बाउंड्री का खेल - मुलतान में उन्होंने 39 चौके और 6 छक्को के बदौलत, और चैन्नई में 42 चौके और 5 छक्के लगाएं। गौरमतलब है कि मुलतान में उन्होंने सकलेन मुश्ताक को छक्का लगाकर 300 का आंकड़ा पार किया, वही चैन्नई में उन्होंने मखाया एंटिनी की गेंद पर सिंगल लेकर 300 बनाया।


साझेदारी का खेल - दोनों ही पारीयों में भारत के सलामी बल्लेबाजो ने बहतरीन शुरुआत की थी, मुलतान में वीरेन्द्र सहवाग और आकाश चोपड़ा (25) ने पहले विकेट के लिए 160 रन की



और चैन्नई में वसीम जाफर (73) और सहवाग ने 213 रन की



शुरुआत दी, मुलतान में जहाँ सचिन तेंदुलकर (194 अविजित) और सहवाग के बीच तीसरे विकेट के लिए 336 रन बनाए और सचिन के साथ खेलते हुए सहवाग ने 300 का आंकड़ा पार किया,



वही चैन्नई में सहवाग ने राहुल द्राविड़ (111) के साथ दुसरे विकेट के लिए 268 रन की साझेदारी की और द्राविड़ के साथ 300 का आंकड़ा पार किया।



गौरमतलब है कि मुलतान में राहुल द्राविड़ सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हुए जबकि सचिन तेंदुलकर ने 194 रन बनाए, वही चैन्नई में राहुल द्राविड़ ने शतक लगाया लेकिन सचिन 0 पर आउट हो गए।


रनों का अंबार - चैन्नई में लगा था रनों का अंबार दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में बनाए थे 540/ओलआउट और जवाब में भारत ने बनाए 627/ ओलआउट और दक्षिण अफ्रीका ने 331/5 में डिक्लेअर किया था, नतीजतन मैच बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हुआ।


सीरीज का परिणाम - भारत ने मुलतान में पाकिस्तानी ज़मीन पर पहली दफा जीत पाई ( एक पारी और 52 रन से) और दुसरे मैच जो गद्दाफी स्टेडियम, लाहौर में पाकिस्तान जीता (नौ विकेट से) और इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम, रावलपिंडी में तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में (एक पारी और 131 रन से) हराया और पाकिस्तान में पहली बार एक टेस्ट सीरीज जीती, इसी मैच में राहुल द्राविड़ ने अपने टेस्ट कैरियर का सर्वाधिक स्कोर 270 रन बनाया।



जबकि 2008 में दक्षिण अफ्रीका ने चैन्नई टेस्ट मैच में ड्रो किया तो दुसरे टेस्ट मैच जो सरदार पटेल स्टेडियम, मोतेरा, अहमदाबाद में भारत के खिलाफ (एक पारी और 90 रन से) जीत दर्ज की, हालांकि भारत ने जबरदस्त वापसी करते हुए तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में ग्रीन पार्क, कानपुर में (8 विकेट से) जीत दर्ज कर सीरीज 1–1 से ड्रो करी, और दक्षिण अफ्रीका का भारत में टेस्ट सीरीज का सपना तोड़ दिया,



और फिलहाल 2020 तक दक्षिण अफ्रीका भारत में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है।


रिवर्स स्वीप - यूँ तो कहते है कि वीरेन्द्र सहवाग रिवर्स स्वीप ज़्यादा नहीं खेलते लेकिन दक्षिण अफ्रीका के विरूद्ध उन्होंने काफी रिवर्स स्वीप खेले, जब दिन ख़त्म हुआ तो उनसे पुछा गया कि ऐसा क्यों तो उन्होंने कहा कि गेंदबाज डिफेंसिव और नेगेटिव टेकटिक्स के तहत लेगसाइड में गेंदबाजी कर रहे थे तो उन्हें एसा करना पड़ा।


तस्वीर स्त्रोत - गुगल

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